एक आवाज जिसके बिना छठ गीतों का बजना बेमानी है, जिसे सुन परदेसी घर आने लगते हैं

दिवाली बीतते ही महापर्व छठ सबका ध्यान अपनी तरफ खींचना शुरू कर देता है। महिलाएं हो या पुरुष दोनों की तैयारियों और जिम्मेदारियों की लिस्ट लगभग बराबर होती है। यही नहीं, जिसके यहाँ छठ पूजा हो रहा हो और जिसके यहाँ पूजा न हो रहा हो, उनदोनों की तैयारियाँ और जिम्मेदारियाँ भी लगभग बराबर चलती…

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