लोकआस्था का महापर्व छठ अपने आप में हर मामले में अनूठा है। यही एकमात्र पर्व है जिसमें किसी भी तरह के कर्मकांड की जरूरत नहीं होती है। सभी चीजें जनश्रुति हैं और परंपरा से पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है। यह पर्व प्रकृतिस्वरूप नारी शक्ति को भी दर्शाता है। हमारी सामाजिक विडंबना है कि…
Read Moreछठ मेरा सबसे प्रिय त्योहार है। बतौर कलाकार तो इसलिए भी कि यह इकलौता त्योहार है, जो गीत- संगीत प्रधान है। अगर आदिवासी समुदाय के पर्व त्योहारों को छोड़ दें, जिनके रोजमर्रा के जीवन का हिस्सा गीत-संगीत होता है, तो दूसरे किसी त्योहार के बारे में, जिसमें गीत-संगीत इस तरह अनिवार्य तत्व की तरह शामिल…
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