किसी स्थान विशेष की संस्कृतियों का एकीकृत समागम ही वहाँ की लोक सभ्यता होती है, जिसकी झलक वहाँ के लोक पर्व, लोक कला और लोक संस्कार की गतिविधियों में हमें दिखाई देती है। छठ पर्व और मधुबनी/मिथिला पेंटिंग बिहार का दो ऐसा ही सांस्कृतिक पक्ष है जो बहुत ही मजबूती से ना केवल बिहार बल्कि…
Read Moreलोकआस्थाका महापर्व छठ मुख्य रूप से बिहार, झारखण्ड और पूर्वी उत्तर प्रदेश का त्योहार माना जाता है। लेकिन अब यह इन इलाकों की सीमाओं को तोड़ देश के विभिन्न राज्यों और विदेशों में भी पूरी आस्था के साथ मनाया जाता है। पड़ोसी देश नेपाल के एक बड़े इलाके में भी महापर्व छठ मनाया जाता रहा…
Read Moreलोकआस्था का महापर्व छठ अपने आप में हर मामले में अनूठा है। यही एकमात्र पर्व है जिसमें किसी भी तरह के कर्मकांड की जरूरत नहीं होती है। सभी चीजें जनश्रुति हैं और परंपरा से पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है। यह पर्व प्रकृतिस्वरूप नारी शक्ति को भी दर्शाता है। हमारी सामाजिक विडंबना है कि…
Read Moreछठ मेरा सबसे प्रिय त्योहार है। बतौर कलाकार तो इसलिए भी कि यह इकलौता त्योहार है, जो गीत- संगीत प्रधान है। अगर आदिवासी समुदाय के पर्व त्योहारों को छोड़ दें, जिनके रोजमर्रा के जीवन का हिस्सा गीत-संगीत होता है, तो दूसरे किसी त्योहार के बारे में, जिसमें गीत-संगीत इस तरह अनिवार्य तत्व की तरह शामिल…
Read Moreदिवाली बीतते ही महापर्व छठ सबका ध्यान अपनी तरफ खींचना शुरू कर देता है। महिलाएं हो या पुरुष दोनों की तैयारियों और जिम्मेदारियों की लिस्ट लगभग बराबर होती है। यही नहीं, जिसके यहाँ छठ पूजा हो रहा हो और जिसके यहाँ पूजा न हो रहा हो, उनदोनों की तैयारियाँ और जिम्मेदारियाँ भी लगभग बराबर चलती…
Read Moreबिहार की पहली फिल्म का नाम क्या है? इस सवाल का जवाब महान पर्व छठ से जुड़ा है। बिहार की पहली फिल्म का नाम ‘छठ मेला’ है जिसका निर्माण 1930 में हुआ था। यह मूक फिल्म थी। 16 mm की ये फिल्म केवल चार रील बनी थी। इस फिल्म को बनाया था देव औरंगाबाद जिले…
Read Moreमहापर्व छठ चार दिनों में सम्पन्न होता है। पहला दिनः- व्रती इस दिन नाखनू वगैरह को अच्छी तरह काटकर, स्वच्छ जल से अच्छी तरह बालों को धोते हुए स्नान करते हैं। इसके बाद नए वस्त्र धारण कर अपने हाथों से साफ-सुथरे व नई माटी के चूल्हे पर अपना भोजन स्वयं बनाकर सूर्यदेव को नैवेद्य देकर…
Read Moreग्रीष्म ऋतु प्रस्थान कर गयी है और शरद ऋतु का आगमन दल-बल के साथ हो गया है। प्रतिदिन नए-नए दृश्य देखने को मिल रहे हैं, उदाहरण के लिए- सूर्य और बादल के बीच प्रतिस्पर्धा, ओस कणों या कुहासों की प्रतिस्पर्द्धा इत्यादि इत्यादि। इन ऋतु परिवर्तनों का जीवों पर बड़ा असर पड़ा है। जिनके शरीर खुद…
Read Moreअंगना में पोखरी खनाएब , छठि मैया अएतन आज अंगना में पोखरी खनाएब छठि मैया अएतन आज छठि मैया अएतन आज दुअरा पर तम्बुआ तनाएब छठि मैया अएतन आज छठि मैया अएतन आज आंचरा से गलिया बहारब आंचरा से गलिया बहारब छठि मैया अएतन आज छठि मैया अएतन आज छठि मैया अएतन आज केलवा डाला भरि…
Read Moreसुनि छठि माई मोर विनितिया हो , असिया पुरन होय सुनि छठि माई मोर विनितिया हो असिया पुरन होय असिया पुरन होय होई हे आदित्य मल सहईया हो असिया पुरन होई असिया पुरन होई जनमे अभागिन कहईनी हो असिया पुरन होय असिया पुरन होय लाज बचायी छठि मईया हो असिया पुरन होय असिया पुरन होय…
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